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Duniya Ki Sabse Madhur Bhasa Konsi Hai ?

Duniya Ki Sabse Madhur Bhasa Konsi Hai?

दुनिया की सबसे मधुर भाषा कौनसी है ?

नमस्कार दोस्तों हम सब अलग अलग भाषाओ बात करते है। भाषा यानि हमारी Language हम हमारी बात एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए Use करते है।  हम सब अपनी बात अपने अलग अलग भाषा और अंदाज में दूसरे तक पहुंचाते है। मगर आज हम बात करेंगे दुनिया की सबसे मधुर भाषा के बारे में , तो चलिए जानते है Duniya Ki Sabse Madhur Bhasa Konsi Hai ?, दुनिया की सबसे मधुर भाषा कौनसी है ?, Duniya Ki Sabse Madhur Bhasa Kya He ?

दुनिया की सबसे मधुर भाषा

पूरी दुनिया मे सिर्फ़ एक ही भाषा नही बोली जाती है लेकिन अगर बात करें भाषाओं की तो पूरे विश्व में 6500 से भी ज्यादा भाषाएं बोली जाती है ऐसे में वह कौन सी भाषा है जो दुनिया की सबसे मधुर भाषा कहलाती है? विश्व की सबसे मधुर भाषा मातृभाषा है। बाँग्ला भाषा को यह गौरव हासिल है। UNESCO के एक सर्वेक्षण के अनुसार, "बंगाली" को दुनिया की सबसे प्यारी और मधुर भाषा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एक भाषा के रूप में, असम और अंडमान सहित पूरे भारत में "बंगाली" व्यापक रूप से बोली जाती है। 

दुनिया की सबसे समृद्ध एवं मधुर भाषा है मैथिली। इस भाषा की मधुरता एवं समृद्धता की चर्चा दुनिया के हर कोने में होती है। जब दुनिया के लोग इस भाषा की समृद्धता एवं मधुरता की चर्चा करते हैं तब हम गौरवान्वित होते हैं। लेकिन यहां मिथिलांचल की वेशभूषा, संस्कृति और इसकी मधुरता को अक्षुण्ण रखने के संकल्प से हम धीरे-धीरे पीछे हटते जा रहे हैं जो अत्यंत दुखद है। 

भारत की सबसे कर्णप्रिय भाषा कौन सी है?, भारत की कर्ण प्रिय भाषा …?

वैसे आज कल लोग अंग्रेजी,हिंदी भाषा का ज्यादा प्रयोग कर रहे है परंतु हमारी संस्कृत भाषा अत्यंत ही मधुर ओर सरल भाषा है। इसे बोलने में मन को शांति मिलती है। हमारे देश में लगभग कुल  23 तरह की भाषाएँ बोली जाती हैं जो अधिकारिक रूप से मान्य हैं और लगभग 90℅ लोग इन भाषाओं का Use करते हैं। "किसी भी इंसान के लिए वही भाषा सबसे कर्णप्रिय होती है, जो उसकी मातृभाषा होती है, इस बात में कोई मतभेद नहीं है।"

बचपन से हम जिस भाषा को सुनते और बोलते आए हैं, उस भाषा को सुनते ही हम तुरंत उसके साथ जुड़ जाते हैं, क्योंकि वह भाषा हमें अपनी लगती है और कानों प्रिय लगती है। जैसे : मैं हिन्दी भाषी हूँ तो मुझे हिन्दी सुनना सबसे कर्ण प्रिय लगता है। उसी तरह अन्य भाषाओं को बोलने वाले लोगों को उनकी अपनी मातृभाषा कर्ण प्रिय लगती है क्योंकि उसी से उनका जुड़ाव होता है। देखा जाए तो भारत में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा "हिन्दी" ही है। उसके बाद बंगाली, पंजाबी, गुजराती, मराठी और अन्य भाषाओं का नंबर आता है।

जहाँ हमारे देश में इतनी सारी भाषाएँ बोली जाती हैं,वहाँ कोई एक भाषा को कर्ण प्रिय या मधुर  बताना ही उसरी मधुरता खो देगा। इसलिए भारत के जितने लोग भी जिन भाषाओं को बोलते हैं, उनके लिए वही भाषा सबसे मधुर है। हम भाषा की कर्ण प्रियता को एक सीमा या दायरे में बाँध कर नहीं रख सकते। हम दुनिया में कहीं भी जाते हैं तो एक अजनबी के मुंह से भी जब अपनी मातृभाषा सुनते हैं तो हम तुरंत उसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि वही भाषा हमें भाती है, कानों को एक सुखद अहसास देती है। वो हमे अपनी लगती है। 

भाषा मात्र एक विचार प्रकट करने का साधन है। भाषा व्यवहार के उपयोग हेतु बनाई गई हैं। इसके मीठे अथवा कड़वे होने का कोई मतलब नहीं। शब्द का प्रयोग अपने मानसिक स्थिति के अनुसार यदि किया जाए तो हर भाषा की अपनी एक अलग मिठास और सौन्दर्य होता है।

उदाहरण के तौर पर, तेलुगु में किसी विशेष व्यक्ति को चाहे वह महिला हो या पुरुष "आइए" को आदर से "रण्डी" कहते है। जब की हिंदी में रण्डी का मतलब होता है चरित्रहीन नारी। अब जरा सोचिए तेलुगु बोलनेवाले ने यदि किसी महिला को रण्डी कह दिया जो तेलुगु नहीं जानती, क्या होगा?

अब एक उदाहरण अंग्रेजी का, हम लोग किसी भी महिला को आदरपूर्वक Madam कहते हैं। Madam का सीधा सीधा अर्थ होता है घर/ऑफिस में काम करनेवाली महिला, किन्तु Oxford dictionary या Google पर सर्च कर के देख लो Madam का एक और भी अर्थ निकलता है। Madam का दूसरा अर्थ है, वेश्यालय चलानेवाली महिला। है ना सोचनेवाली बात? तो अब बताओ की, कौनसी भाषा मीठी है और कौनसी कड़वी?

तो यह थी दुनिया की सबसे मधुर भाषा कौनसी है ? के बारे में कुछ जानकारी ,अगर यह पोस्ट आपको  पसंद आयी है तो इसको शेयर करना ना भूले और कमेंट में आपके विचार बताये और हमारे सोशल मीडिया पर भी हमें फॉलो करे. धन्यवाद 



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