नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले है Om Namah Shivay in Hindi के बारे में। आप सब जानते है की "Om Namah Shivay" हिंदू धर्म के सबसे प्रसिध्द मंत्रो में से एक है या कहे की शिर्ष मंत्र है। ये महामंत्र भी है , मंत्र जप एक ऐसा उपाय है जिससे हम अपनी सारी समस्याए दूर कर सकते है। तो चलिए जानते है Om Namah Shivay Ka Jap कैसे करे ?, Om Namah Shivay Mantra के बारे जानते है।
Om Namah Shivaya in Hindi
OM Namah Shivaya वो महामंत्र है । जो महादेव की आराधना के लिए इस्तेमाल किया जाता है और जिसका अर्थ होता है भगवान शिव को नमस्कार करना । जैसा की हमने अभी देखा की ॐ नमः शिवाय मतलब होता है "महादेव को नमस्कार करना ", लेकिन सिद्ध महादेव में शिव को ब्रह्माण्ड की सभी पांचो शक्ति का दाता माना गया है और उसका विशाल और गहरा अर्थ निकलता है।
“ॐ नम: शिवाय” वह मंत्र है, जिसे जप करने से जीवन की सारी समस्याएं मिट जाती है, अंधकार भरा जीवन प्रकाशमय हो जाता है। ॐ नम: शिवाय मंत्र को ,पंचाक्षर मंत्र भी कहा गया है, क्योकि इसमे पांच शब्द हैं। नम: शिवाय प्रकृति में मौजूद पांच तत्वों और शरीर के पांच मुख्य केंद्रों के प्रतीक हैं । चलिए दोस्तों जानते है , ॐ नमः शिवाय महा मंत्र के बारे में । दोस्तों भोले नाथ का नाम लेकर चलिये शुरु करते है, Om Namah Shivaya Hindi की आगे की जानकारी।
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न - शब्द पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
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मः - शब्द पानी का प्रतिनिधित्व करता है
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शि - शब्द आग का प्रतिनिधित्व करता है
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वा - शब्द हवा का प्रतिनिधित्व करता है
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य - शब्द आकाश का प्रतिनिधित्व करता है
इसका मतलब है ॐ नमः शिवाय का अर्थ होता है सार्वभौमिक चेतना एक ही है।
शैव सिद्धांत परंपरा में यह पाँच अक्षर का बना जो अलग अलग तत्व से बना हैं
“न” - ईश्वर की गुप्त रखने की शक्ति (तिरोधान शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
“मः” - दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है
“शि” - शिव का प्रतिनिधित्व करता है
“वा” - उसका खुलासा करने वाली शक्ति (अनुग्रह शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
“य” - आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप (Om Namah Shivay Ka Jap)
चलिए जानते है ॐ नमः शिवाय मंत्र के Om Namah Shivay Ka Jap Karne Se Kya Hota Hai । ॐ नम: शिवाय को शिव का मंत्र भी कहा जाता है इस मंत्र का शाब्दिक अर्थ शिव जी को प्रणाम करना या महादेव को नमस्कार करना है। ये मंत्र हमारे हिंदू धर्म का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है ॐ नम: शिवाय एक मंत्र ही नहीं बल्की एक महामंत्र है। जो सभी दुःखो का नाश करने वाला है। इस महामंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला के साथ किया जाता है, Om Namah Shivay Mantra का जाप कम से कम 108 बार प्रतिदिन करना चाहिये।मंत्र जप एक ऐसा उपाय है ओम नमः शिवाय 108 बार जप करने से हम सारी समस्याएं दूर कर सकते है, हिंदू धर्म के ग्रंथों में मंत्रों को चमत्कारी व लाभकारी बताया गया है तो चलिए जानते है , ॐ नमः शिवाय: के बारे में जानते है।
ॐ नम: शिवाय का अर्थ है, आत्मा, घृणा, लोभ, तृष्णा, स्वार्थ, ईष्या , काम, क्रोध, मोह, माया, मद से रहित होकर प्रेम और आनंदपूर्वक परमात्मा को जाने-पहचाने , अर्थात आत्मा का परमात्मा से मिलन हो। ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करने वाले मनुष्य की सारी मनोकामना पूर्ण होती है और आध्यात्मिक क्षेत्र का विकाश होता है।
भगवान शिव के 108 नाम
भक्त इन्हें शंकर, भोलेनाथ, महादेव आदि नामों से पुकारते हैं. इनके 108 नाम ऐसे हैं जिनको लेने मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं. जो कि इस प्रकार है:-
1. शिव:- कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर:- माया के अधीश्वर
3. शम्भू:- आनंद स्वरूप वाले
4. पिनाकी:- पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर:- चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव:- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष:- विचित्र अथवा तीन आंख वाले
8. कपर्दी:- जटा धारण करने वाले
9. नीललोहित:- नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर:- सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी:- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी:- खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ:- भगवान विष्णु के अति प्रिय
14. शिपिविष्ट:- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ:- देवी भगवती के पति
16. श्रीकण्ठ:- सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल:- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव:- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व:- कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश:- तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ:- सफेद कण्ठ वाले
22. शिवाप्रिय:- पार्वती के प्रिय
23. उग्र:- अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली:- कपाल धारण करने वाले
25. कामारी:- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
26. सुरसूदन:- अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर:- गंगा को जटाओं में धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष:- माथे पर आंख धारण किए हुए
29. महाकाल:- कालों के भी काल
30. कृपानिधि:- करुणा की खान
31. भीम:- भयंकर या रुद्र रूप वाले
32. परशुहस्त:- हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी:- हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधर:- जटा रखने वाले
35. कैलाशवासी:- कैलाश पर निवास करने वाले
36. कवची:- कवच धारण करने वाले
37. कठोर:- अत्यंत मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक:- त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले
39. वृषांक:- बैल-चिह्न की ध्वजा वाले
40. वृषभारूढ़:- बैल पर सवार होने वाले
41. भस्मोद्धूलितविग्रह:- भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय:- सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी:- सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति:- वेद रूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर:- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
46. सर्वज्ञ:- सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा:- सब आत्माओं में सर्वोच्च
48. सोमसूर्याग्निलोचन:- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
49. हवि:- आहुति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय:- यज्ञ स्वरूप वाले
51. सोम:- उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र:- पांच मुख वाले
53. सदाशिव:- नित्य कल्याण रूप वाले
54. विश्वेश्वर:- विश्व के ईश्वर
55. वीरभद्र:- वीर तथा शांत स्वरूप वाले
56. गणनाथ:- गणों के स्वामी
57. प्रजापति:- प्रजा का पालन- पोषण करने वाले
58. हिरण्यरेता:- स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष:- किसी से न हारने वाले
60. गिरीश:- पर्वतों के स्वामी
61. गिरिश्वर:- कैलाश पर्वत पर रहने वाले
62. अनघ:- पापरहित या पुण्य आत्मा
63. भुजंगभूषण:- सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले
64. भर्ग:- पापों का नाश करने वाले
65. गिरिधन्वा:- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय:- पर्वत को प्रेम करने वाले
67. कृत्तिवासा:- गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति:- पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान्:- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप:- प्रथम गणों के अधिपति
71. मृत्युंजय:- मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु:- सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी:- जगत में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरू:- जगत के गुरु
75. व्योमकेश:- आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक:- कार्तिकेय के पिता
77. चारुविक्रम:- सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र:- उग्र रूप वाले
79. भूतपति:- भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु:- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य:- कुण्डलिनी- धारण करने वाले
82. दिगम्बर:- नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति:- आठ रूप वाले
84. अनेकात्मा:- अनेक आत्मा वाले
85. सात्त्विक:- सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह:- दिव्यमूर्ति वाले
87. शाश्वत:- नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु:- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज:- जन्म रहित
90. पाशविमोचन:- बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड:- सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति:- पशुओं के स्वामी
93. देव:- स्वयं प्रकाश रूप
94. महादेव:- देवों के देव
95. अव्यय:- खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि:- विष्णु समरूपी
97 .पूषदन्तभित्:- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र:- व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर:- दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले
100. हर:- पापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद्:- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त:- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष:- अनंत आँख वाले
104. सहस्रपाद:- अनंत पैर वाले
105. अपवर्गप्रद:- मोक्ष देने वाले
106. अनंत:- देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
107. तारक:- तारने वाले
108. परमेश्वर:- प्रथम ईश्वर
दोस्तों तो यह थी "Om Namah Shivaya in Hindi" के बारे के कुछ जानकारी?, आशा करते है आपको यह Post पसंद आई हो, अगर यह पोस्ट आपको पसंद आयी है तो आप इसको Share करना ना भूले और अगर आप कुछ और समझना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें और हमारे सोशल मीडिया पर भी हमें फॉलो करे। हमारी Post यहाँ तक पढ़ने के लिए Thank You.....